इछावर

इछावर : दो किसानों की एक एकड़ पर लगी गेहूँ की फसल जलकर राख, शहीद ओमप्रकाश मरदानिया के छोट भाई की फसल हुई खाक

इछावर आग ने की गैहूं फसल राख

इछावर : दो किसानों की एक एकड़ पर लगी गेहूँ की फसल जलकर राख, शहीद ओमप्रकाश मरदानिया के छोट भाई की फसल हुई खाक

किसानों के खेत पर लगातार हो रही आगजनि की घटनाएं..

इछावर, एमपी मीडिया पॉइंट

तहसील के गांवों में किसानों के खेत पर आगजनि की घटनाएं लगातार लगातार हो रही हैं। विद्युत के झूलते तारों से होती स्पार्किंग इसका मूल कारण बताया जा रहा है। 

तहसील के ग्राम शाहपुरा में सोमवार 24 मार्च को दो किसानों के गेहूँ की फसल जलकर नष्ट हो गई जिसमें दोनों किसानों लाखों रुपयों का नुकसान बताया जा रहा है।

जानकारी अनुसार पहले आग शहीद ओमप्रकाश मरदानिया के छोटे भाई, कन्हैया लाल मंदिर वाले दिनेश के आधा एकड़ जमीन पर लगी, जिसे किसानों ने बुझाने की बेहद कोशिश की लेकिन काबू नहीं पा सके। देखते ही देखते आग ने देवसिंह आ. माधवसिंह ठाकुर के खेत को भी चपेट में ले लिया यहां आधा एकड़ जमीन में शरबती गेहूँ की पचासी लगी हुई थी , सभी पचासी जलकर राख हो गईं। किसान देवसिंह ने बताया कि शरबती गेहूँ जलने से भारी आर्थिक नुकसान हुआ है क्योंकि वर्तमान में शरबती गेहूँ का रेट 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। फसलों के नुकसान का आंकलन करने राजस्व विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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