
डॉक्टर दादा की परंपरा को आगे बढ़ा रही पोती डॉक्टर परी पुरोहित
अध्यात्म , साहित्य और विज्ञान का अनूठा संगम है पुरोहित परिवार
सीहोर। जगतगुरु पंडित अजय पुरोहित की भतीजी एवं ख्यातनाम साहित्यकार पंकज पुरोहित सुबीर
की बिटिया परी पुरोहित ने अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई चिरायु चिकित्सा महाविद्यालय से पूर्ण कर एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की।
डॉ. परी पुरोहित के स्वर्गीय दादाजी डॉक्टर प्रमोद कुमार पुरोहित ने लंबे समय तक शासकीय चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं सीहोर जिले को दी। स्व.डॉ पुरोहित जिला चिकित्सालय में सीएमओ के पद पर भी कार्यरत रहे।
अध्यात्म एवं विज्ञान का अनूठा संगम
स्व.डॉ पुरोहित चिकित्सक के साथ ही आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी थे। नियमित पूजा पाठ उनकी जीवनचार्य का महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
ईश्वर में अटूट आस्था स्वयं को भी थी एवं उनके पास आने वाले बीमार व्यक्ति को भी वह चिकित्सा सलाह के साथ ईश्वर में विश्वास रखने की सलाह देते थे। वह मरीज का मानोबल बनाए रखते थे।
यह उनके व्यक्तित्व की विशेषता थी। जो उनके परिवार में परंपरागत रूप से उनके दोनों पुत्रों जगतगुरु पं. अजय पुरोहित एवं साहित्यकार पंकज पुरोहित सुबीर से चलते हुए वर्तमान पीढ़ी में भी देखने को मिलती है।
मां सरस्वती का स्मरण करते हुए डिग्री प्राप्त की डॉ. परी पुरोहित ने…
चिरायु कॉलेज भोपाल का सभागार उस समय तालियों से गूंज उठा जब डॉ. परी ने डिग्री प्राप्त करते हुए सर्वप्रथम मां सरस्वती का स्मरण किया। परी ने माइक से मां सरस्वती के चरणों में सुंदर शब्दों से प्रणाम किया।
दादा जी के चरणों में अर्पित की डिग्री
डॉक्टर परी ने सबसे पहले एमबीबीएस की डिग्री स्व. दादाजी के चित्र के समक्ष उनके चरणों में अर्पित की। वह पल अत्यंत भावुक करने वाले थे। गत 8 मार्च 2025 को परी के दादाजी डॉक्टर प्रमोद कुमार पुरोहित का देवलोक गमन हो गया था।
जब दादाजी की प्रिय पोती डा.परी अपनी डिग्री दादाजी के चित्र के समक्ष चरणों में अर्पित कर रही थी तो दादा जी मानो कह रहे हो कि परी बिटिया तेरे रूप में मुझे नया जीवन मिलने जा रहा है, सेवाभाव से आगे भी कार्य करते रहना।
(जयंत शाह)