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सीहोर विधायक की अच्छी पहल : चौराहे पर खड़े होकर बोले- विदेशी नहीं, देशी सामान ही खरीदना

विधायक की अच्छी पहल..

सीहोर : चौराहे पर खड़े होकर बोले विधायक- विदेशी नहीं, देशी सामान ही खरीदना

सीहोर, 20 अक्तूबर 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

बाजार में चौराहे पर खड़े होकर विधायक सुदेश राय ने स्वदेशी वस्तुओं चीजों उत्पादों को खरीदने के लिए नागरिकों को अपने ही तरीके से जागरूक किया। उन्होंने शहर के बाजार में फुटपाथों पर छोटी-छोटी दुकान लगाकर बैठे बुजुर्गों महिलाओं और युवाओं बच्चों को दीपावली की शुभकामनाएं दी और और यथा संभव स्वदेशी सामान की खरीदारी भी की। विधायक सुदेश राय ने मिट्टी के खिलौने,दिए और सजावटी सामान खरीदा।

विधायक सुदेश राय ने साथियों के साथ नमक चौराहा बड़ा बाजार गांधी रोड स्थित बाजार का भ्रमण किया। बाजार में खरीदारी कर रहे नागरिकों के बीच उन्होंने कहा कि अपने लोगों को रोजगार मिले उनका काम धंधा चले इसका ध्यान रखो,विदेश से बनकर आई चीजों को मत खरीदो, स्थानीय दुकानदारों को महत्व दो और यही के लोगों के द्वारा बनाई गई वस्तुओं उत्पादों को खरीदो, इससे देश मजबूत होगा देश का पैसा देश में रहेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प भी पूरा होगा। जहां उन्होंने स्वदेशी सामान खरीदने के प्रति नागरिकों को जागरूक किया तो वही स्थानीय दुकानदारों को अच्छी स्वदेशी क्वालिटी का सामान रखने वाजिब दाम लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया। बाजार भ्रमण के दौरान विधायक सुदेश राय ने अनेक नागरिकों से पारिवारिक चर्चा करते हुए दीपावली की शुभकामनाएं दी।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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