चरखे का उत्कर्ष
गांधी जी के सत्य अहिंसा ,
चरखे का उत्कर्ष ।
लालबहादुर लिये सादगी,
लिखते जीवन हर्ष ।।
दोनो के संकल्प अलग थे,
करा राष्ट्रनिर्माण ।
स्वर्णरश्मियाँ नित विकास की,
देखे भारत वर्ष।।
डा. अरूण श्रीवास्तव “अर्णव “
चरखे का उत्कर्ष
गांधी जी के सत्य अहिंसा ,
चरखे का उत्कर्ष ।
लालबहादुर लिये सादगी,
लिखते जीवन हर्ष ।।
दोनो के संकल्प अलग थे,
करा राष्ट्रनिर्माण ।
स्वर्णरश्मियाँ नित विकास की,
देखे भारत वर्ष।।
डा. अरूण श्रीवास्तव “अर्णव “
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