सीहोर में आंगनबड़ी कार्यकर्ता,सहायिकाओं ने किया जंगी प्रदर्शन, जोरदार रैली निकाल सौंपा ज्ञापन
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिनभर लगे रहे ताले

कलेक्ट्रेट में मोबाईल की फ्लेश लाइट जलाकर सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने किया जोरदार हल्ला बोल प्रदर्शन,
गीता भवन में चार घंटे दिया धरना, नारेबाजी करते हुए निकाली रैली,
पोषण ट्रेकर ऐप फेस केप्चर का किया विरोध, सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग साथ ही कहा- हम पर अन्याय,अत्याचार बंद करे सरकार…
सीहोर, 14 जुलाई 2025
एमपी मीडिया पॉइंट
आंगनबाड़ी केंद्रों में सोमवार को ताले लटके रहे,बच्चे पौषण आहार को तरस गए, इधर कलेक्ट्रेट में मोबाईल की फ्लेश लाईट जलाकर सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यंकर्ताओं और सहायिकाओं ने जोरदार हल्ला बोल प्रदर्शन किया। पोषण ट्रेकर ऐप फेस केप्चर और अन्याय अत्याचार का विरोध किया। आंगनवाड़ी कार्यंकर्ताओं और सहायिकाओं ने पहले बस स्टेंड स्थित गीता भवन में सुबह 11 बजे से 3 बजे तक चार घंटे तक धरना दिया।
इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यंकर्ताओं और सहायिकाओं को संघ जिलाध्यक्ष ऊषा राठौर ने अधिकारों, मांगों और सरकार की नीतियों के प्रति जागरूक किया।
गीता भवन से विरोध रैली शुरू की गई। बेनर पोस्टरों के साथ नारेबाजी करते हुए जिले भर की यूनिफार्मधारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने कलेक्ट्रेट तक विरोध रैली निकाली। अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर स्वाती मिश्रा को सौंपा।
आनलाइन कार्य से बिगड़ी गुणवत्ता
संगठन की जिलाध्यक्ष उषा राठौर ने बताया कि ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बहनें 1975 से महिला बाल विकास विभाग में अपनी निरंतर सेवाएं दे रहे हैं मात्र मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने कुपोषण दूर करने, महिलाओं को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने, बच्चों को अनोपचारिक शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ ही महिला बाल विकास विभाग और अन्य विभागों के वह सभी कार्य हमसे करायें जा रहे है। दिन प्रतिदिन हमारी बहनों पर कार्य का बोझ बढ़त्ता जा रहा है। नये नये ऐप बना कर हमारे ऊपर विभागीय निगरानी का भी कार्य किया जा रहा है। बढ़ते ऑंनलाइन कार्य के कारण क्षेत्र में कार्य की गुणवत्ता सुधारने के बजाय और बिगड़ रही है। हमारे द्वारा कार्य तो दोगुना किया जा रहा है पर टेक्नोलॉजी के सही उपयोग न होने के कारण हमारी प्रस्तुति दिन प्रतिदिन खराब हो रही है।
यह रही प्रमुख मांगे-
देश में महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत सभी ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को एक नीति बनाकर सभी राज्यों में नियमित किए जाने,बहनों को एक न्यूनतम पेंशन देने,कम से कम 10 वर्ष का अनुभव रखने वाली सभी अहतार्एं पूर्ण करने, पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति दिए जाने,कार्यकर्ता, सहायिका को विभाग के कार्यो के अतिरिक्त किसी भी कार्य में न लगाया जाने,सभी कार्यकतार्ओं और सहायिकाओं को किसी अन्य विभागों की नियुक्ति परीक्षा में भी अतिरिक्त अंक दिये जाने,महिलाओं और बच्चों को रूचिकर पोष्टिक आहार दिया जाने,पोषण ट्रेकर ऐप में फेस केप्चर में नेटवर्क की समस्या को समाप्त कराए जाने, विभाग से मिले मोबाइल अच्छी मेमोरी के नहीं है रिचार्ज कराना पड़ता है और नेट पैक भी डलवाना पढ़ता है इस पैसा दिया जाने,मोबाइल खरीदने के लिए कार्यकर्ता और सहायिका के खाते में राशि उपलब्ध कराई जाने और कार्यकर्ता और सहायिका को सेवानिवृत्त होने या सेवाकाल में मृत्यु होने पर राशि परिवारजनों को दिए जाने की मांग की गई है।