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उज्जैन में हादसा: पुलिस वाहन क्षिप्रा नदी में गिरा,टीआई की मौत, दो पुलिसकर्मी अब भी लापता, अपडेट- अन्य दो पुलिसकर्मी के शव भी बरामद कर लिए गए हैं

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उज्जैन में हादसा: पुलिस वाहन क्षिप्रा नदी में गिरा,टीआई की मौत, दो पुलिसकर्मी अब भी लापता

मीडिया रिपोर्ट : उज्जैन में शनिवार, 6 सितंबर 2025 की रात एक हृदय विदारक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा की अगुवाई में एक पुलिस टीम लापता महिला की तलाश में चिंतामन की ओर जा रही थी, तभी उनकी गाड़ी शिप्रा नदी के एक बिना रेलिंग वाले पुल से अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी।

इस दुखद हादसे में थाना प्रभारी (टीआई) अशोक शर्मा की डूबने से मौत हो गई, जबकि कार में सवार दो अन्य पुलिसकर्मी-सब-इंस्पेक्टर मदनलाल निनामा और महिला कॉन्स्टेबल आरती पाल-अब भी लापता हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), और स्थानीय पुलिस की टीमें लापता पुलिसकर्मियों और गाड़ी की तलाश में जुटी हैं।
यह हादसा शनिवार रात करीब 8:45 बजे बड़नगर रोड पर चक्रतीर्थ से कार्तिक मेला मैदान की ओर जाने वाले एक बड़े पुल पर हुआ। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उन्हेल थाना की टीम ग्राम गुरादिया सांगा की एक लापता महिला की तलाश में चिंतामन जा रही थी। गाड़ी में टीआई अशोक शर्मा, एसआई मदनलाल निनामा, कॉन्स्टेबल आरती पाल, और एक ड्राइवर सवार थे। पुल पर गाड़ी अचानक अनियंत्रित हो गई और 12 फीट ऊँचाई से शिप्रा नदी में जा गिरी।

अपडेट-  यह है कि लापता दोनों पुलिसकर्मी के शव भी बरामद कर लिये गए हैं। इस प्रकार इस हादसे में तीनों पुलिसकर्मियों की दुखद मौत हो गई है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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