हादसा

अरुणाचल प्रदेश : मजदूरों से भरा ट्रक खाई में गिरा, 22 लोगों के मरने की आशंका

दर्दनाक हादसा...

अरुणाचल प्रदेश : मजदूरों से भरा ट्रक खाई में गिरा, 22 लोगों के मरने की आशंका

मीडिया रिपोर्ट,11 दिसंबर 2025

अरुणाचल प्रदेश में भीषण सड़क हादसे की खब़र है। जिसमें करीब 22 मजदूरों की मौत का अपुष्ट समाचार मिल रहा है।
शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, हादसे में सभी के मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि रेस्क्यू टीमों ने अब तक 13 शव बरामद कर लिए हैं। बाकी लापता लोगों की तलाश में दुर्गम इलाके में बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। यह घटना पहाड़ी सड़कों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी को एक बार फिर उजागर करती है। आइए जानते हैं आखिर कैसे हुआ ये हादसा?

कैसे बनी मजदूरों की यात्रा आखिरी सफर?

घटना अनजाव जिले के हायुली-वालोंग मार्ग पर हुई, जो भारत-चीन सीमा के करीब एक दुर्गम और घुमावदार सड़क है। मीडिया सोर्स के मुताबिक, ट्रक में सवार सभी 22 में से 19 मजदूर असम के तिनसुकिया जिले के रहने वाले थे। ये दिहाड़ी मजदूर काम के सिलसिले में अरुणाचल प्रदेश पहुंचे थे और स्थानीय निर्माण साइट्स पर रोजगार की तलाश में लौट रहे थे। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, जब ट्रक तेज रफ्तार में पहाड़ी मोड़ ले रहा था, तो अचानक ड्राइवर का नियंत्रण खो गया। संभावित कारण के तौर पर तेज गति, खराब मौसम और सड़क की टूटी-फूटी स्थिति बताई जा रही है- जो इस क्षेत्र की सड़कों की पुरानी समस्या है।

ट्रक खाई में गहरी खाई में गिर गया, जहां पहुंचना ही रेस्क्यू के लिए चुनौती बन गया। स्थानीय पुलिस और एसएसआरबी (स्टेट स्पेशल रेस्क्यू ब्रिगेड) की टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन घने जंगल, भारी बारिश और दुर्गम इलाके ने ऑपरेशन को जटिल बना दिया। अब तक 13 शव ऊपर लाए गए हैं, और बाकी 9 लापता लोगों को खोजने के लिए हेलीकॉप्टर और स्थानीय वॉलंटियर्स की मदद ली जा रही है। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन ज्यादातर 25-40 साल के युवा मजदूर बताए जा रहे हैं।

दुर्गम इलाका, बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें

अनजाव जिला, जो लोहित घाटी के पास स्थित है, अपनी ऊबड़-खाबड़ सड़कों और सीमा क्षेत्र होने के कारण हमेशा से हादसों का शिकार रहा है। इस बार भारी बारिश ने मलबे को और फिसलन भरा बना दिया, जिससे रेस्क्यू टीमें पैदल ही नीचे उतरनी पड़ीं। अरुणाचल प्रदेश पुलिस के एसपी एम लोईतांग हेमो ने बताया, ‘हमने 50 से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए हायुली के अस्पताल भेजा जा रहा है।’ असम सरकार ने भी प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल सहायता का ऐलान किया है, जिसमें प्रत्येक मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

प्रशासन की प्रतिक्रिया: जांच और सुरक्षा उपायों का वादा

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Arunachal Pradesh Chief Minister Pema Khandu) ने हादसे पर शोक जताते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘यह बेहद दुखद है। मैंने अनजाव प्रशासन को हर संभव मदद का निर्देश दिया है। सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान देंगे।’ केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी ट्वीट कर कहा कि ट्रांस अरुणाचल हाईवे पर सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए फंडिंग बढ़ाई जाएगी। स्थानीय विधायक और एनडीएफ टीमों ने दुर्घटना स्थल का दौरा किया, जहां ओवरलोडिंग और वाहनों की फिटनेस चेक पर सख्ती का फैसला लिया गया।

यह हादसा अरुणाचल में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को रेखांकित करता है। 2022 में राज्य में 227 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 148 मौतें दर्ज की गईं। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में रोड कर्व्स, लैंडस्लाइड और वाहन रखरखाव की कमी मुख्य वजहें हैं।

पीड़ित परिवारों का दर्द: तिनसुकिया में मातम का माहौल

असम के तिनसुकिया में मृतकों के परिवारों में कोहराम मच गया है। एक परिवार के सदस्य ने बताया, ‘मेरे भाई काम की तलाश में गया था, अब लाश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ स्थानीय एनजीओ ने परिवारों के लिए फंड कलेक्शन शुरू कर दिया है। यह घटना न सिर्फ मजदूरों की असुरक्षित यात्रा को उजागर करती है, बल्कि पूर्वोत्तर के दुर्गम इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत पर भी सवाल खड़े करती है।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

Related Articles

Back to top button