सीहोर : विद्यार्थियों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन, पहली बैठक आयोजित
बैठक में हुआ गहन विचार विमर्श..

सीहोर : विद्यार्थियों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन, पहली बैठक आयोजित
सीहोर, 28 नवंबर 2025
एमपी मीडिया पॉइंट
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, चन्द्रशेखर आज़ाद शासकीय स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय, सीहोर (म.प्र.) में शुक्रवार को जिला स्तरीय टास्क फोर्स (DTF) – विद्यार्थी मानसिक स्वास्थ्य एवं आत्महत्या रोकथाम की प्रथम बैठक आयोजित की गई।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है जिसके नोडल अधिकारी आयुक्त, उच्च शिक्षा विभाग हैं। मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय टास्क फाेर्स गठन के लिए निर्देश जारी किये गये थे। इन्ही निर्देशों के पालन में सीहोर जिले की जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसके तहत विद्यार्थियों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर बालागुरू के. को समिति का अध्यक्ष तथा प्राचार्य डॉ. रोहिताश्व कुमार शर्मा को सदस्य सचिव बनाया गया है। बैठक में NTF के दिशा-निर्देश एवं सर्वोच्च न्यायालय के 24 मार्च 2025 के आदेशों की प्रतियां सभी सदस्यों को प्रदान की गईं। सभी शिक्षण संस्थानों—स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग—को NTF वेबसाइट पर उपलब्ध दिशानिर्देशों का अध्ययन एवं अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, AISHE पंजीकृत सभी संस्थानों को NTF सर्वे में अनिवार्य रूप से भाग लेने के निर्देश दिए गए।
बैठक में यह भी तय किया गया कि सभी संबंधित विभाग अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक माह STF को भेजेंगे तथा शिक्षण संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों की अद्यतन सूची तैयार करने, पंजीयन पूर्ण कराने तथा कोचिंग हब में विशेष निगरानी रखने पर भी सहमति बनी। कोचिंग और शैक्षणिक संस्थानों का संयुक्त निरीक्षण करने के लिए दो टीमें गठित की जाएंगी।
छात्र हित के लिए सभी संस्थानों में शिकायत पेटियां लगाने, एक जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति बनाने तथा प्रत्येक माह की 10 तारीख तक ATR को spdntf@gmail.com पर भेजना अनिवार्य किया गया। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास केंद्र, सीहोर द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के स्टाफ एवं विद्यार्थियों को समय-समय पर काउंसलिंग और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, साथ ही प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को हर तीन माह में शिक्षक–विद्यार्थी खुला संवाद आयोजित करना होगा। बैठक के अंत में सभी विभागों को लिए गए निर्णयों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए।


