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सीहोर : 83 लाख, 24 हजार कीमत के कुल 539 मोबाइल खोजकर पुलिस ने वास्तविक धारकों को किए वितरित

असली धारकों को सौंपे गुमे मोबाइल और साइबर क्राइम से किया सावधान

83 लाख, 24 हजार कीमत के कुल 539 मोबाइल खोजकर पुलिस ने वास्तविक धारकों को किए वितरित,

सीहोर के अलावा प्रदेश के अन्य आधा दर्जन जिलों से खोजबीन के दौरान मिले मोबाइल

सीहोर, 26 नवम्बर 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

सीहोर पुलिस ने तकनीकी सहायता से गुम हुए 224 स्मार्ट मोबाइल खोजकर वास्तविक मालिकों को सौंपे गए। पुलिस अधीक्षक सीहोर दीपक कुमार शुक्ला के निर्देशन में जिले में गुम हुए मोबाइल फोनों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। इस अभियान के अंतर्गत अब तक कुल 315 मोबाइल फोन खोजकर उनके वास्तविक मालिकों को सौंपे जा चुके हैं।

इसी क्रम में सायबर सेल एवं मैदानी इकाइयों द्वारा विगत 03 माह में 224 गुम मोबाइल फोन तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से पुनः खोजे गए, जिनकी अनुमानित कीमत ₹35,84,000/- है। यह मोबाइल सीहोर सहित इंदौर, देवास, शाजापुर, राजगढ़, भोपाल, ग्वालियर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से खोजे गये हैं ।

दिनांक 26.11.2025 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागृह में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में 141 मोबाइल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीहोर द्वारा वास्तविक धारको को, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभा गृह में कार्यक्रम आयोजित कर सौपे गए एवं 83 मोबाइल थाना स्तर पर सौपे गए ।

विगत एक वर्ष में मोबाइल वितरण का विवरण यह कि दिनांक 17-04-25 को 150 मोबाइल कीमत 23,00,000/- रूपये

दिनांक 12-07-25 को 165 मोबाइल कीमत 25,00,000/रुपए,
दिनांक 26-11-25 को 224 मोबाइल कीमत 35,84,000/-रुपए , कुल मोबाइल 539 कीमत 83,84,000/-रुपए

कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीहोर श्रीमती सुनीता रावत द्वारा उपस्थित नागरिकों को सायबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया । उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव दिए कि सायबर अपराध एवं ऑनलाइन फ्रॉड से सतर्क रहें। सोशल मीडिया का विवेकपूर्ण एवं सुरक्षित उपयोग करें। मोबाइल/प्रोफाइल की प्राइवेसी एवं सिक्योरिटी सेटिंग्स को मजबूत रखें। डिजिटल अरेस्ट जैसे नए प्रकार के साइबर अपराधों की जानकारी रखें।किसी भी अज्ञात स्रोत से प्राप्त गोपनीय जानकारी, फोटो, वीडियो, APK फाइल, URL लिंक आदि पर क्लिक न करें और न ही इन्हें साझा करें।

यह जानकारी भी जनहित में जारी है कि सायबर फ्रॉड की स्थिति में तत्काल संपर्क करें:
• जिला सायबर सेल, सीहोर: 7049128208
• सायबर हेल्पलाइन: 1930 / 112
• वेबसाइट: cybercrime.gov.in

मोबाइल मालिकों ने साझा किए अपने अनुभव

01- स्वाति जैसवाल निवासी इछावर द्वारा बताया गया की वह 2 माह पूर्व इन्टरव्यूव देने सीहोर आ रही थी तभी उनका मोबाइल सफ़र के दौरान कंही गिर गया उन्हें सीहोर इन्टरव्यूव स्थल पर पंहुच कर पता चला, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस को की। उक्त मोबाइल को सायबर सेल द्वारा खोजकर आज उन्हें सौंपा गया |

02- कुलदीप नागर निवासी सीहोर द्वारा बताया गया की 7 से 8 माह पूर्व सत्य साईं कॉलेज जाते समय मोबाईल कंही गिर गया था जिसका पता कॉलेज पंहुच कर चला | जिसकी रिपोर्ट उनके द्वारा पुलिस को की गयी जिसके बाद आज उक्त मोबाइल को सायबर सेल द्वारा खोजकर आज उन्हें सौंपा गया |

03- ऋतिक निवासी बुधनी द्वारा बताया गया की डेढ़ साल पूर्व 2024 में सब्जी बाज़ार बुधनी में कंही मोबाइल गिर गया था जिसका पता उसे घर जाकर चला जिसके बाद उनके द्वारा इसकी रिपोर्ट पुलिस को की गयी | आज उक्त मोबाइल को सायबर सेल द्वारा खोजकर आज उन्हें सौंपा गया |

इस अभियान में सायबर सेल प्रभारी प्रधान आरक्षक सुशील कुमार साल्वे, प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र सिंह राजपूत, अभिषेक चौहान, तरुण राठौर, राम प्रसाद यादव, अर्पित गुप्ता सहित मैदानी इकाइयों की भूमिका प्रमुख रही ।
इस अवसर पर डॉ अभिनंदना शर्मा नगर पुलिस अधीक्षक सीहोर एवं साइबर टीम उपस्थित रही।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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