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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विक्रम मस्ताल की ओंकारेश्वर से पैदल ‘मां नर्मदा परिक्रमा’ यात्रा आरंभ

90 से 100 दिन में होगी परिक्रमा पूर्ण, साधु-संतों से होगी विशेष 'भेंट वार्ता'

  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विक्रम मस्ताल की ओंकारेश्वर से पैदल ‘मां नर्मदा परिक्रमा’ यात्रा आरंभ

सीहोर,04 अक्टूबर 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

सर्वविदीत है कि मां नर्मदा परिक्रमा से व्यक्ति के पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि नर्मदा परिक्रमा को काफी कठिन माना जाता है और कहा ये भी जाता है कि नर्मदा परिक्रमा कर लेने से व्यक्ति को जीवन के कई सारे ज्ञान एक साथ हो जाते हैं‌। व्यक्ति का आत्मा लोक-परलोक में परम पद को प्राप्त होता।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव विक्रम मस्ताल ‘शर्मा’ द्वारा सोमवार 03 नवंबर से नर्मदा परिक्रमा यात्रा का ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर से विधि विधान से शुभारंभ किया गया है।

यात्रा को लेकर विक्रम मस्ताल का कहना है कि मां नर्मदा परिक्रमा को लेकर शास्त्रानुसार जो उल्लेख किया गया है वही उद्देश्य को लेकर आज मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पूरी यात्रा के दौरान सभी आवश्यक ‘व्रतों’ को धारण किया जाएगा। इस यात्रा का मेरे राजनीतिक जीवन से कोई संबंध नहीं है। मैं चाहता हूं कि इस सनातनी धार्मिक यात्रा का पुण्यलाभ समाज के सभी वर्गों तक समान रुप से पहुंचे और मां नर्मदा की हमेशा कृपा बरसती रहे।

मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा यात्रा 90-100 दिनों में पूर्ण होगी। करीब 3000 किलोमीटर की इस पद यात्रा के दौरान श्री मस्ताल नर्मदा के तटीय गांवों में रहवासियों से विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा भी करेंगे। टेलीविजन धारावाहिक में ‘हनुमानजी’ की प्रभावी भूमिका अदा कर चुके, मां नर्मदा में गहरी आस्था रखने वाले कांग्रेस के प्रादेशिक नेता विक्रम मस्ताल साधु,संत एवं सन्यासियों से मां नर्मदा को लेकर “विशेष चर्चा” में भी इस दौरान प्रमुख रुप से शामिल रहेंगे।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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