प्रकृति का शोषण नहीं, बल्कि प्रकृति का पोषण करें – राज्यपाल मंगू भाई पटेल
राजधानी भोपाल के नजदीक सीहोर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया राज्यपाल ने..

प्रकृति का शोषण नहीं, बल्कि प्रकृति का पोषण करें – राज्यपाल मंगू भाई पटेल
कहा- ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान प्रकृति के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
राज्यपाल तथा कृषि मंत्री ने सीहोर के आरएके कॉलेज में कन्या छात्रावास एवं ऐरोपोनिक्स इकाई का किया लोकार्पण
सीहोर, 30 अक्टूबर, 2025
एमपी मीडिया पॉइंट
राज्यपाल मंगू भाई पटेल एवं कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने सीहोर स्थित आरएके कृषि महाविद्यालय परिसर में नवनिर्मित कन्या छात्रावास और ऐरोपोनिक्स इकाई का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कन्या छात्रावास एवं ऐरोपोनिक्स इकाई का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने संबोधन में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए वर्मी कंपोस्ट का उपयोग किया जाना चाहिए। यह प्राकृतिक खेती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भूमि की उर्वरता को बनाए रखने में सहायक है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे जैविक खेती की पद्धतियों को अपनाएँ और भूमि के प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करें। राज्यपाल श्री पटेल ने किसानों से कहा कि वे जैविक खेती, आधुनिक तकनीकों और नई शोध पद्धतियों को अपनाकर उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ाएँ। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे उन्नत बीजों और नई तकनीकों पर अनुसंधान करें ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए उत्तम आहार और संतुलित जीवनशैली अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे जंक फूड का कम उपयोग करें और अपने भोजन में स्वास्थ्यवर्धक एवं पोषक तत्वों से भरपूर आहार को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि मशरूम जैसी पौष्टिक फसलों को आम घरों तक पहुँचाने और लोगों को इसके उपयोग के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आम घरों में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, क्योंकि यह न केवल पोषण का अच्छा स्रोत है, बल्कि आय का अतिरिक्त्त साधन भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अब समाज में लोगों का रूझान जैविक उत्पादों की ओर बढ़ रहा है, जो एक सकारात्मक बदलाव है और यह किसानों के लिए भी नए अवसरों के दरवाजे खोलता है।
उन्होंने कहा कि देश में सबसे अधिक वन मध्यप्रदेश में हैं, जो इस प्रदेश के लिए प्रकृति का अनमोल खजाना हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस खजाने का संरक्षण और संवर्धन करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ वातारण मिले। उन्होंने लोगों से अपील की कि हर व्यक्ति अपनी “माँ” के नाम से एक पेड़ लगाए और उसकी नियमित देखरेख करे। यह न केवल भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक होगा, बल्कि प्रकृति के संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगा। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि यदि हर व्यक्ति यह जिम्मेदारी निभाए, तो धरती और अधिक हरित और समृद्ध बन सकती है। उन्होंने प्रकृति और औषधीय गुणों के बारे में भी चर्चा करते हुए कहा कि अधिकांश पेड़ों में औषधीय गुण होते हैं, जो प्राकृतिक चिकित्सा में बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें प्रकृति का शोषण नहीं, बल्कि पोषण करना है, ताकि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और समृद्ध पर्यावरण निर्मित कर सकें।
राज्यपाल श्री पटेल ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों को मेहनत, शोध और नवाचार की भावना के साथ कार्य करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा, अनुसंधान और पर्यावरण संरक्षण का संयोजन ही भविष्य को बेहतर दिशा प्रदान कर सकता है। उन्होंने आरएके कृषि महाविद्यालय में नवनिर्मित कन्या छात्रावास की सराहना करते हुए कहा कि यहाँ बेटियों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि वे निश्चिंत होकर शिक्षा प्राप्त कर सकें तथा समाज और देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकें। कार्यक्रम में कुलगुरू अरविन्द कुमार शुक्ला ने कृषि महाविद्यालय तथा राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
किसानों के कल्याण और कृषि विकास में नहीं छोड़ी जाएगी कोई कसर – कृषि मंत्री श्री कंसाना
कार्यक्रम में उपस्थित कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में कृषि के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और जब किसान खुशहाल होगा, तभी हर क्षेत्र में विकास संभव है। मंत्री श्री कंसाना ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा खेती के विकास और किसानों के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं, जिनसे किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा रहा है।



