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सीहोर के दो अलग-अलग थाना आष्टा एवं रेहटी की पुलिस ने दो नाबालिग लड़कियों को 24 घंटे के अंदर किया दस्तयाब

सत्य मेव जयते

सीहोर के दो अलग-अलग थाना आष्टा एवं रेहटी की पुलिस ने दो नाबालिग लड़कियों को 24 घंटे के अंदर किया दस्तयाब

रेहटी/आष्टा, 10 जुलाई 2025
एमपी मीडिया पॉइंट

आज 10 जुलाई को दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दो नाबालिग बालिकाओं को 24 घंटे के अंदर ही दस्तयाब करने में पुलिस को सफलता मिली है।

जानकारी अनुसार रेहटी थानांतर्गत कल 09 जुलाई को माता-पिता के डांटने के कारण बच्ची घर से नाराज होकर बिना बताए चली गई थी।
जिसकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने नाबालिग बच्ची की तलाश तुरंत शुरु की। साइबर ब्रांच सीहोर की मदद से बालिका को बुधनी से खोज निकाला गया एवं उसके परिजनों को सकुशल सुपुर्द किया गया।
इस पूरे मामले में थाना प्रभारी रेहटी राजेश कहारे, एसआई भावना यादव,धर्मसिंह,अभिषेक,रविंद्र आदि का सराहनीय योगदान रहा।

दूसरे मामले में आष्टा पुलिस ने भी काबिल-ए-तारीफ काम करते हुए एक नाबालिग बच्ची को 24 घंटे के अंदर ही दस्तयाब कर उसके परिजनों को सकुशल सौंप दिया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी अनुसार कल 09 जुलाई को आष्टा थानांतर्गत एक नाबालिग बालिका घर पर परिजनों से विवाद होने के कारण बिना बताए चली गई थी। रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मुस्तैदी बतायी और उसे 24 घंटे के अंदर ही इंदौर से दस्तयाब कर परिजनों को सौंप दिया।
इस प्रशंसनीय कार्रवाई में थाना आष्टा के एसडीओपी आकाश अमलकर, थाना प्रभारी गिरीश दुबे,सब इंस्पेक्टर अनिल डोडियार,दयाराम चौरे,शुभम् एवं सायबर सेल सीहोर की भूमिका रही।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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