
खरीफ सीजन में उन्नत खेती के लिए किसानों को सलाह
सीहोर,10 जुलाई,2025
एमपी मीडिया पॉइंट
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों को खरीफ सीजन के लिए उपयुक्त तकनीकी सलाह दी गई है। खरीफ सीजन में किसानों द्वारा सोयाबीन, मक्का, धान, अरहर एवं अन्य फसलों की बुआई का कार्य पूर्ण हो चुका है।
किसान अब फसल 15 दिवस की हो जाने पर खरपतवार नाश दवा का छिड़काव करें और फसल की पत्तियां छितर गई है तो इल्लीमार दवा का छिड़काव आवश्य करें।
किसानों को सलाह दी गई है कि अपने क्षेत्र की मिट्टी, जलवायु को ध्यान में रखते हुए फसल का चयन करें। फसल विविधीकरण करें, ताकि किसान विभिन्न जोखिमों से बच सकें। मिट्टी की संरचना में सुधार के लिए जैविक खाद का उपयोग करें।
किसान दलहनी-तिलहनी फसलों की बुआई मेड़ नाली पद्धति या ब्राडबैंड फरो पद्धति से करें, ताकि फसलों को जल भराव एवं सूखे से बचाया जा सके और अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके। किसानों को सलाह दी है कि खाद और उर्वरक का प्रयोग सही मात्रा में करें। फसल की बुवाई के बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करें। रासायनिक खरपतवार नाशक का उपयोग करें, लेकिन सावधानी से और निर्देशों का पालन करें। कीट और रोग प्रबंधन लिए उचित उपाय करें। कीटों और रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और उनके नियंत्रण के कीटनाशक और फफूंद नाशक का उपयोग करें, लेकिन सावधानी से। किसान एक ही फसल पर निर्भर रहने के बजाय विभिन्न फसलों की खेती करें। फसल विविधीकरण से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और जोखिम कम होता है। खरीफ सीजन में धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, उड़द, मूंग आदि फसलें प्रमुख हैं। किसान इन फसलों को स्थानीय जलवायु और मिट्टी के अनुसार चुन सकते हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि मौसम की भविष्यवाणी पर ध्यान दें और उसके अनुसार खेती करें तथा समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लें। अपने अनुभव और अन्य किसानों से सीखें। यह सलाह किसानों को खरीफ सीजन में बेहतर फसल प्राप्त करने में मदद करेगी।