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अब पत्नी हर्षिता बोली- पति लोकेश मांझी पर गलती से उठ गया था हाथ, मै पैर पकड़कर माफी मांगती हूं..

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अब पत्नी हर्षित बोली- पति लोकेश मांझी पर गलती से उठ गया था हाथ

मै पैर पकड़कर माफी मांगती हूं..

मीडिया रिपोर्ट
मध्यप्रदेश के पन्ना और सतना थाने मे अपनी शिकायत में पत्नी पीड़ित लोकेश मांझी ने बताया है कि उनकी शादी जून 2023 में हर्षिता रैकवार से हुई थी। पत्नी ने कई बार अपन पति पर शादी दहेज के झूठे मुकद्दमे की धमकी दी और उसके साथ मारपीट की।

पत्नी ने पति को बेरहमी से पीटा-

लोकेश ने घर में कैमरे लगवाए थे, जिनमें 20 मार्च को हुई मारपीट रिकॉर्ड हुई। वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने पन्ना और सतना पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी शिकायत दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर पत्नी, सास व साले को नोटिस जारी कर दिया है। पीड़ित लोकेश का कहना है कि उसने और उसके परिवार ने कोई भी दहेत की मांग नहीं की है। उसने तो एक गरीब लड़की से शादी की।

इस मामले में सतना पुलिस ने आरोपी परिवार के खिलाफ BNS की धारा 296, 115(2), 351(3), 351(5) के तहत केस दर्ज कर कोर्ट में भेज दिया है। अदालत ने आरोपियों को 7 अप्रैल को पेश होने के आदेश दिए हैं. वहीं वीडियो के वायरल होने के बाद हर्षिता का बयान भी सामने आया है उसने कहा कि पति ने उल्टा सीधी बोल दिया था.

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की-

इस बात पर बहस हो गई थी। फिर मैंने अपना मंगलसूत्र मांगा उन्होंने कहा उनके पास नहीं है। गलती से पति पर हाथ उठ गया हम तो अपने पति को बहुत प्यार करते हैं। इसके अलावा हर्षिता ने कहा कि वो अपनी पति से तलाक नहीं चाहती है। सबके सामने हाथ जोड़कर पैर पकड़कर माफी मांग रही हूं। आगे से कभी ऐसी गलती नहीं होगी।

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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