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बलूच विद्रोह‍ियों ने दावा क‍िया है क‍ि उन्‍होंने सभी 214 बंधकों को मार डाला, मृतकों में ज्यादातर पाकिस्तानी सैनिक

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बलूच विद्रोह‍ियों ने दावा क‍िया है क‍ि उन्‍होंने सभी 214 बंधकों को मार डाला, मृतकों में ज्यादातर पाकिस्तानी सैनिक

एजेंसी : ट्रेन हाइजैक पर पाक‍िस्‍तानी मिल‍िट्री की प्रेस कांफ्रेंस खत्‍म ही हुई थी क‍ि बलूच लिबरेशन आर्मी ने बड़ा कर द‍िया. पाक‍िस्‍तानी सेना ने कहा था क‍ि ट्रेन हाईजैक में 31 लोग मारे गए हैं, इनमें से 18 सैनिक हैं.

अब बलूच विद्रोह‍ियों ने दावा क‍िया है क‍ि उन्‍होंने सभी 214 बंधकों को मार डाला है. इनमें ज्‍यादातर पाक‍िस्‍तानी सेना के जवान हैं.

बलूच विद्रोहियों ने कहा, हमने पाकिस्तानी सेना को युद्ध बंदियों की अदला-बदली के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. उनके ल‍िए जान बचाने का यह आख‍िरी मौका था. लेकिन हमेशा की तरह उन्‍होंने अहंकार द‍िखाया, जिद पर अड़े रहे. कोई बातचीत भी नहीं की और जमीनी हकीकत जानते हुए भी आंखें मूंद ली. पाक‍िस्‍तानी सेना और सरकार के इसी हठ के चलते हमने सभी 214 बंधकों को मार दिया है.
हठ का खामियाजा दुश्मन ने भुगता
बलूच‍िस्‍तान लिबरेशन आर्मी ने कहा, BLA ने हमेशा युद्ध के सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के अनुसार काम किया है लेकिन पाकिस्तानी हुकूमत ने अपने जवानों की जान बचाने की बजाय उन्हें युद्ध की भेंट चढ़ाना मुनासिब समझा. इस हठ का खामियाज़ा दुश्मन को 214 जवानों की मौत की शक्ल में चुकाना पड़ा है.

बीएलए के 12 जवान मारे गए
बलूच विद्रोह‍ियों ने ये भी बताया क‍ि पाक‍िस्‍तानी सेना के साथ संघर्ष में उनके 12 जवानों की मौत हो गई है, जिन्‍हें वे श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इन लोगों ने दुश्मन के ख़िलाफ़ अविस्मरणीय बलिदान दिया. इन्‍हें स्‍वतंत्रता सेनानी करार देते हुए बीएल ने कहा क‍ि बुधवार रात 3 और गुरुवार रात 4 स्वतंत्रता सेनानी शहीद हुए. इसके अलावा मजीद ब्रिगेड के 5 फ़िदायीनों ने भी अपनी जान कुर्बान करके दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया है, जिसे इतिहास हमेशा याद रखेगा.

राजेश शर्मा

राजेश शर्मा मप्र से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हिंदी दैनिक अख़बारों- दैनिक भास्कर नवभारत, नईदुनिया,दैनिक जागरण,पत्रिका,मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग, दिनमान के पत्रकार रहे, करीब पांच शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में भी बतौर रिपोर्टर के हाथ आजमाए। वर्तमान मे 'एमपी मीडिया पॉइंट' वेब मीडिया एवं यूट्यूब चैनल के प्रधान संपादक पद पर कार्यरत हैं। आप इतिहासकार भी है। श्री शर्मा द्वारा लिखित "पूर्वकालिक इछावर की परिक्रमा" इतिहास एवं शोध पर आधारित है। जो सीहोर जिले के संदर्भ में प्रकाशित पहली एवं बेहद लोकप्रिय एकमात्र पुस्तक में शुमार हैं। बीएससी(गणित) एवं एमए(राजनीति शास्त्र) मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आध्यात्म की ओर रुख किए हुए है। उनके त्वरित टिप्पणियों,समसामयिक लेखों,व्यंगों एवं सम्पादकीय को काफी सराहा जाता है। सामाजिक विसंगतियों, राजनीति में धर्म का प्रवेश,वंशवाद की राजसी राजनिति जैसे स्तम्भों को पाठक काफी दिलचस्पी से पढतें है। जबकि राजेश शर्मा खुद अपने परिचय में लिखते हैं कि "मै एक सतत् विद्यार्थी हूं" और अभी तो हम चलना सीख रहे है..... शैलेश तिवारी

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