वर्षा के दौरान अधिकारियों को अलर्ट रहने के कलेक्टर ने दिए निर्देश
अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वय में कोई कमी न रहे – कलेक्टर सिंह
उप यंत्री को निलंबित करने के कलेक्टर ने दिए निर्देश
सीहोर, 02 अगस्त 2024
एमपी मीडिया पॉइंट
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सीहोर जिले में लगातार हो रही वर्षा के दौरान अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज कलेक्टर सभाकक्ष में राजस्व, पुलिस एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर जिले में हो रही बारिश से उत्पन्न स्थिति के बारे में अनुभागवार जानकारी ली। बैठक में कलेक्टर सिंह ने कहा कि हमारे लिए प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए सभी अधिकारी सजग रहें और पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी करें। उन्होंने कहा कि अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वय में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लगातार हो रही मानसून की बारिश से जिले में नदी, नालो एवं निचलने स्थानों में जल भराव हो रहा है। कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे स्थान जहां पुल के ऊपर पानी बह रहा हो तो वहां नागरिकों को नहीं जाना चाहिए। सभी जिला अधिकारी एवं मैदानी अमला सजग रहे और बांधों के गेट खुलने की स्थिति में सतर्क रहें। जो क्षेत्र जलमग्न हो सकते हैं, वहां आवश्यक सावधानी रखी जाए ताकि किसी तरह की कोई हानि नही हो। बैठक में अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह, संयुक्त कलेक्टर नितिन टाले, आनंद सिंह राजावत, एसडीएम तन्मय वर्मा एवं विकासखण्ड स्तर के अधिकारी वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
बेरीकेड के साथ कर्मचारियों की ड्यूटी
कलेक्टर सिंह ने कहा कि जिन पुल, पुलियो तथा रपटों पानी हो वहां पर बैरिकेड लगाकर आवागमन रोका जाए तथा राजस्व, जनपद तथा पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाकर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
जर्जर मकानों को गिराने के निर्देश
बैठक में कलेक्टर सिंह ने दुर्घटना की संभावना को ध्यान मे रखते हुए सभी राजस्व अधिकारी एवं नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देश दिए हैं, कि जर्जर मकानों को चिन्हित कर उन्हे खाली कराकर ध्वस्त किया जाए। इसके साथ ही सभी जनपद सीईओ को अमृत सरोवर तथा तालाबों की पाल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर सिंह ने डीईओ तथा डीपीसी को निर्देश दिए कि जर्जर भवनों में स्कूल नहीं लगाए। यदि कोई भवन जर्जर है या सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं हो तो अन्य भवन में स्कूल शिफ्ट किया जाए। साथ ही जर्जर पानी की टंकियों को भी ध्वस्त करने की कार्यवाही की जाए।