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इछावर तहसील का एक मात्र गांव सेमली जदीद जहा ताश के पत्ते खेलने पर है आज भी प्रतिबंध।

ताश के पत्तो पर प्रतिबंध

इछावर तहसील का एक मात्र गांव सेमली जदीद जहा ताश के पत्ते खेलने पर है आज भी प्रतिबंध।

राजेश माँझी,एमपी मीडिया पॉइंट

तहसील मुख्यालय इछावर से 14 किलो मीटर दूर ग्राम सेमली जदीद में ताश के पत्तो पर है पिछले एक दशक से पूर्णता प्रीतिबंध। खेलते पाए जाने पर लगाया जाता है 500 रू का जुर्माना।

हम बात कर रहे सन् 2014 की जब गांव के तात्कालिक पटेल घीसीलाल वर्मा ने बकायदा गांव में मुनादी पिटवाकर उक्तआशय की घोषणा की थी।जिसके परिपालन में आज भी कोई ग्रामीण ताश के पत्तो को खेलने की बात तो दूर, हाथ तक नहीं लगाते। यहां तक की ग्राम के दुकानदार भी ताश के पत्तो का विक्रय नही करते।

स्वर्गीय पटेल घीसीलाल वर्मा

आपको बतादे की पटेल घीसीलाल वर्मा की छबि एक समाज सेवी के रूप में रही जिनका निधन अचानक 24 नवम्बर 2016 को हो गया।लेकिन पटेल साहब के जाने के बाद भी आज 10 साल बाद भी उक्त स्वस्थ परंपरा कायम है जो समूचे इछावर ब्लाक में एक मिसाल है।बता दे की समाज सेवी पटेल साहब की पहल पर ही गांव में करोड़ों की लागत से भव्य श्री राम जानकी मन्दिर का निर्माण किया गया।खास बात यह है कि आज भी श्रद्धालु जब दर्शनार्थ मन्दिर में पहुंचते है तो पटेल घीसीलाल वर्मा का नाम आदर से लेते है। अब उनके बाद वर्तमान में गांव की पटेली संतोष वर्मा उनके पुत्र संभाले हुए है और अपने पिता के द्वारा किए गए अभिनव प्रयासों को पूरी तन्मयता के साथ आगे बढ़ाए हुए है।

स्वर्गीय दुष्यंत कुमार की निम्न पंक्तियां याद आती है।
कौन कहता है आसमा में सुराग नहीं होते,
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो

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